20 August 2019 | 12.19 PM
नई दिल्ली: मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 को 9 अगस्त 2019 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई। इस अधिनियम में बच्चों द्वारा वाहनों का उपयोग करने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए कड़े प्रावधान शामिल किए गए हैं। इस कानून में जोड़ी गई नई धारा 199A के अनुसार अगर किसी किशोर द्वारा मोटर वाहन अपराध किया गया है, तो उस किशोर के माता-पिता या अभिभावक या मोटर वाहन के मालिक को कानून के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा। वह कानून के अनुसार कार्यवाही के लिए उत्तरदायी होगा और उसे दंडित किया जायेगा।
अभिभावक को हो सकती है 3 साल की कैद
लाइव लॉ में छपी खबर के मुताबिक इस धारा के स्पष्टीकरण में यह कहा गया है कि न्यायालय यह मान लेगा कि किशोर द्वारा मोटर वाहन का उपयोग ऐसे किशोर के संरक्षक या मोटर वाहन के मालिक की सहमति से किया गया था। किशोर द्वारा अपराध में शामिल मोटर वाहन का पंजीकरण 12 महीने की अवधि के लिए रद्द कर दिया जाएगा। पेनल्टी के अलावा ऐसे वाहन का संरक्षक या मालिक, 3 वर्ष तक की कारावास की सजा के लिए उत्तरदायी होगा और उसपर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
किशोर को 25 साल की उम्र तक नहीं मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस
इसके अलावा किशोर के खिलाफ, किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। जिस किशोर ने ऐसा अपराध किया है, वह 25 वर्ष की आयु तक ड्राइविंग लाइसेंस या लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने का पात्र नहीं होगा। अगर अभिभावक या मालिक यह साबित करते हैं कि वह अपराध उनके ज्ञान के बिना किया गया था या उन्होंने इस तरह के अपराध के कमीशन को रोकने के लिए उचित कदम उठाए थे, तो वे सजा से बच सकते हैं।