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टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने मोबाइल नंबर के आधार लिंकेज पर पहल की तेज :

6 November 2017 | 2.17 PM

नई दिल्ली : कन्ज्यूमर्स बिना रीटेल आउटलेट गए आसानी से आधार के जरिए अपने मोबाइल नंबर को री-वेरिफाई कर सकेंगे। इसके लिए टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने पहल तेज कर दी है। वह हफ्ते भर में इसके उपायों की घोषणा कर सकता है।


डिपार्टमेंट ने इस मामले में कई मीटिंग की हैं। इनमें से आखिरी मीटिंग पिछले शुक्रवार को हुई, जिसमें कंपनियों से इस पर प्रस्ताव मांगा गया। इसमें कंपनियों ने बताया है कि कन्ज्यूमर्स को री-वेरिफिकेशन के लिए क्या करना होगा। इन प्रस्तावों को अब यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) को सौंपा जा रहा है।


डिपार्टमेंट के एक बड़े अधिकारी ने बताया, 'यूआईडीएआई को हमने प्रोसेस के बारे में सुझाव दे दिया है। अब वह टेलिकॉम डिपार्टमेंट के साथ मिलकर इसे अंतिम रूप देगा।' उन्होंने बताया कि टेलिकॉम कंपनियों के अधिकारियों ने भी इस सिलसिले में डिपार्मटमेंट के अफसरों से मुलाकात की थी। अधिकारी ने बताया, 'हम इस हफ्ते प्रोसेस को मंजूरी देना चाहते हैं।'
इस मामले में एक बड़ी टेलिकॉम कंपनी के बड़े अफसर ने बताया कि सरकार इस प्रोसेस पर जल्द से जल्द अमल चाहती है। यहां तक कि यूआईडीएआई ने भी ट्विटर पर बताया था कि लोग आधार के तहत रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) हासिल करके उसके जरिए मोबाइल नंबर को वेरिफाई कर सकेंगे। यह काम 1 दिसंबर से किया जा सकेगा। उन्होंने कहा, 'प्रोसेस कंप्लीट करने में हमें कुछ दिन लगेंगे, लेकिन इसके ट्रायल में कुछ हफ्तों का वक्त लग सकता है।'


टेलिकॉम कंपनियों ने एक सुझाव दिया है कि सब्सक्राइबर्स अपना आधार नंबर और मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन के लिए एक तय नंबर पर भेज सकते हैं। टेलिकॉम कंपनी इसे चेक करने के लिए यूआईडीएआई के साथ मिलकर काम करेगी। इसमें देखा जाएगा कि क्या यूआईडीएआई के पास जो आधार नंबर रजिस्टर्ड है, यह उससे मैच करता है? इससे री-वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा हो जाएगा। जो लोग ओटीपी का इस्तेमाल नहीं करना जानते, टेलिकॉम कंपनियों ने 200 रुपये चार्ज पर उनके घर जाकर वेरिफिकेशन की बात कही है। टेलिकॉम कंपनियों के प्रस्ताव की जानकारी रखने वाले एक सीनियर एएग्जिक्युटिवने यह बात कही।


पिछले महीने टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने एसएमएस के जरिए ओटीपी, इंटरऐक्टिव रिस्पॉन्स सिस्टम और टेलिकॉम कंपनियों के मोबाइल ऐप्स के जरिए री-वेरिफिकेशन की इजाजत दी थी। उसने यह कदम इसलिए उठाया था ताकि लोगों को फोन कंपनियों के स्टोर के आगे लाइन ना लगानी पड़े। उसने आईआरआईएस और घर जाकर वेरिफिकेशन प्रोसेस को भी मंजूरी दी है। जो लोग ओटीपी नहीं जानते या किसी वजह से फोन कंपनी के स्टोर तक नहीं जा सकते, वे इस तरह से मोबाइल नंबर का वेरिफिकेशन करा सकते हैं।


सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि बैंक और मोबाइल फोन कंपनियां आधार से लिंक नहीं करने पर बैंक एकाउंट और फोन नंबर को डीऐक्टिवेट करने की चेतावनी दे रहे हैं। इससे लोगों में अफरातफरी बढ़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बैंकों और फोन कंपनियों की खिंचाई की थी। 12 अंकों के आधार नंबर की वैलिडिटी तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक बेंच भी बनाया है। वहीं, केंद्र सरकार ने कहा था कि सबको अपने मोबाइल नंबर को ई-केवाईसी के जरिए 6 फरवरी 2018 तक आधार नंबर से लिंक कराना होगा। उसने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट आधार और मोबाइल फोन नंबर के लिंकेज को मंजूरी दे चुका है।

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