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जानिए कैसे बचे ,पेट्रोल पंप पर हर रोज फ्रॉड का शिकार होते हैं लोग :

11 July 2017 | 11.32 PM

नई दिल्ली : पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना हो रहे बदलावों को आप परेशान करने वाला फैसला मान सकते हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रोजाना काफी सारे लोग पेट्रोल पंप पर तरह-तरह के फ्रॉड का शिकार होते हैं। ऐसे में अगर आप थोड़ा समझदारी और सूझबूझ दिखाएं तो इस तरह के फ्रॉड से बच सकते हैं।


जानिए पेट्रोल पंपों पर किस तरह के फ्रॉड हर रोज होते हैं और आप इनसे कैसे बच सकते हैं -

देश भर में पेट्रोल पंप फ्रॉड के काफी सारे मामले सामने आते रहते हैं जिनमें कुछ फ्यूल स्टेशन पर थोड़ा गड़बड़ी करके कर्मचारी इसे अपनी एक्ट्रा कमाई का जरिया बना लेते हैं। ऐसे में हम और आप जैसे लोग ही इनके इस फ्रॉड का शिकार होते हैं। उत्तर प्रदेश से जुड़े ऐसे ही एक मामले में कुछ दिनों पहले 23 लोगों को हिरासत में लिया गया और सात पेट्रोल पंपों को सीज कर दिया गया। यूपी पुलिस ने एक राज्य स्तरीय रैकेट का पर्दाफाश किया जिस पर आरोप था कि वो रिमोट-नियंत्रित इलेक्ट्रॉनिक चिप का इस्तेमाल करके मशीन में कुछ गड़बड़ी कर अपने ग्राहकों को चूना लगा रहे थे। जानिए पेट्रोल पंपों पर किस तरह की गड़बड़ी होती है...


मशीन में छेड़छाड़:

यह फ्यूल स्टेशनों पर ग्राहकों को धोखा देने के सबसे प्रमुख तरीकों में से एक है। आपने गौर किया होगा कि जब आप पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवाने जाते हैं तो कर्मचारी आपसे मशीन पर जीरो रीडिंग देखने को कहता है। आपने नोटिस किया होगा कि 100 का फिगर जो वह दिखलाता है वो आपसे पहले जो पेट्रोल भरवाने आए व्यक्ति की फ्यूलिंग रीडिंग होती है। वास्तव में यह आंकड़ा बताता है कि आपसे पहले जो व्यक्ति पेट्रोल भरवाने आया था उसे 100 रुपए की चपत लग चुकी है।


ध्यान भटकाना (Distraction):

यह सबसे पुराना तरीका है जिसके इस्तेमाल से पेट्रोल पंप कर्मी ग्राहकों को नुकसान पहुंचाते हैं। जब फ्यूल स्टेशन पर मौजूद कर्मी आपकी जरूरत के हिसाब से ईंधन डालने के लिए मीटर को रिसैट करता है, उसी दौरान पंप पर मौजूद दूसरा कर्मी आपका ध्यान भटकाने की कोशिश करता है और वो आपसे कभी न खत्म होने वाले मुद्दों पर बहस करने लग जाता है। इसी बीच फ्यूल भरने वाला व्यक्ति आपके वाहन में तय मात्रा से कम ईंधन डाल देता है।


डेविएशन:

यह एक अन्य तरीका है जिसके जरिए पंप कर्मी ग्राहकों को चूना लगाते हैं। एक उदाहरण के तौर पर अगर आप कर्मी से 800 रुपए का पेट्रोल डालने को कहते हैं तो वो अपना मीटर 200 पर रोक लेता है और पूछताछ करने पर अजीबो गरीब बहाने बनाने लगता है। इसके बाद वो एक बार फिर से मीटर को चालू करता है और यह सुनिश्चित करते हुए कि आप देख नहीं रहे हैं मीटर 600 पर रोक लेता है। अगर आप उनसे बहस करेंगे तो वो आपको अपना गणित समझाकर सम को 800 पर ला देंगे।


ईंधन में मिलावट:

ईंधन में मिलावट करना सबसे सस्ता और आसान तरीका होता है जिसके जरिए अधिकतर पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों को चूना लगाया जाता है। ये लोग अपने ईंधन में नेप्था मिला देते हैं जो कि पेट्रोल का ही बाई-प्रोडक्ट (उप-उत्पाद) होता है और उसका घनत्व भी पेट्रोल जितना ही होता है। यह अपना अवशेष नहीं छोड़ता है और यह पेट्रोल से सस्ता पड़ता है। पेट्रोल देने वाले नोजल से छेड़छाड़: इस फ्रॉड के जरिए पेट्रोल पंप कर्मी रोजाना कई लीटर पेट्रोल बचा लेते हैं। आपके टैंक में ईंधन डालते वक्त अटैंडेंट अपनी उंगली नोजल पर रखता है और ईंधन के फ्यूल को लगातार रोकने की कोशिश करता है। इस तरह से आपको आपकी ओर से मांगी गई मात्रा से थोड़ा कम पेट्रोल-डीजल मिलता है।


कैसे बच सकते हैं आप:

ये कुछ प्रमुख तरीके हैं जिनका इस्तेमाल पर पेट्रोल पंप कर्मी अपने ग्राहकों को चूना लगाते हैं।हम पूरी तरह से इन फ्रॉड से तो नहीं बच सकते, लेकिन कुछ सावधानियां बरत इस फ्रॉड से होने वाले नुकसान को थोड़ा कम जरूर कर सकते हैं।

जानिए आप किन तरीकों से बच सकते हैं -


जब आपकी गाड़ी में फ्यूल भरा जा रहा हो तो आप हमेशा अपनी निगाह मीटर पर बनाए रखें। अगर आपके पास कार है तो कार से बाहर निकलकर मीटर को ध्यानपूर्वक देखें।
पेट्रोल पंप पर मौजूदा किसी भी कर्मी की बहस में शामिल न हों, खासकर उस वक्त जब आपकी गाड़ी में पेट्रोल भरा जा रहा हो।
अपने वाहन में तेल डलवाने से पहले जीरो जरुर चेक करें। पेट्रोल टैंक खोले जाने सेस पहले मीटर की रीडिंग चेक करें, यह पेट्रोल भरे जाने तक मीटर को देखते रहें।
अगर आपको लगता है कि आपकी गाड़ी में पर्याप्त मात्रा में ईंधन नहीं भरा है तो आप इसकी शिकायत करें, क्योंकि तेल कंपनियां कम्प्लेन बुक को काफी गंभीरता से लेती हैं।हमेशा 60,110 और 210 रुपए जैसे अमाउंट का ही पेट्रोल भरवाएं क्योंकि पेट्रोल पंप डीलर 100 के लिए 99, 50 के लिए 49 और 200 के लिए 198 की या इससे भी कम की रीडिंग सेट करके रखते हैं।

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