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मोटे टैक्स रिफंड का वादा करने वाले फर्जी CA के जाल में न फंसें:

19 July 2018 | 1.03 PM

नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की 31 जुलाई की डेडलाइन करीब आने पर कुछ टैक्सपेयर्स का पाला ऐसे फर्जी चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (सीए) से पड़ रहा है, जो उन्हें बड़े रिफंड का वादा कर रहे हैं। ये टैक्सपेयर की इनकम कम करके दिखाते हैं और कुछ डिडक्शन व एग्जेम्पशन क्लेम करते हैं। इससे कागजों पर रिफंड की रकम 50 हजार रुपये से 2 लाख रुपये तक दिखती है। ऐसा करना आसान है क्योंकि डिडक्शन या एग्जेम्पशन के लिए दस्तावेजी सबूत नहीं जमा करने होते।


मुंबई के एक सीए ने बताया, ‘आप मेडिकल इंश्योरेंस, होम लोन या एजुकेशन लोन या अपनी या डिपेंडेंट की डिसेबलिटी पर बिना डॉक्युमेंट्स जमा कराए डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।’ इसके लिए फर्जी सीए रिफंड की रकम का 10-15 पर्सेंट तक कमिशन ले रहे हैं। हो सकता है कि नकली सीए की मदद से हजारों टैक्सपेयर्स रिटर्न फाइल कर चुके हों और उन्होंने रिफंड का दावा भी किया हो। यह उन लोगों को भारी पड़ सकता है।


दरअसल, फॉर्म 16 और आधार व बैंक एकाउंट नंबर डालने पर रिटर्न तैयार हो जाता है। फॉर्म 16 और दूसरी डिटेल्स ऐसे ही एक सीए को भेजी। पांच दिन के अंदर उसने रिटर्न फाइल कर दी। इसमें उसने ग्रॉस इनकम को 1.9 लाख रुपये कम दिखाया था, जिससे 50 हजार रुपये का रिफंड बना। जब फर्जी सीए से पूछा गया कि आपने फॉर्म 16 की तुलना में टैक्स रिटर्न में ग्रॉस इनकम कम दिखाई है तो जवाब मिला कि उसने रिटर्न में कुछ भत्तों को शामिल किया है, जिनका जिक्र फॉर्म 16 में नहीं किया गया था।


टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि असेसमेंट में ऐसी गड़बड़ियां पकड़ी जाएंगी। हाल तक फॉर्म 26 एएस में टीडीएस डिटेल का मिलान रिटर्न से किया जाता था।

अब टैक्स डिपार्टमेंट फॉर्म 16 का मिलान रिटर्न में डिक्लेयर्ड टैक्स से कर रहा है।’ आमतौर पर अगर इनकम डिटेल मैच नहीं होने पर रिटर्न को रिजेक्ट करने के बाद असेसी को गलती ठीक करने का मौका दिया जाता है।


हालांकि, जान-बूझकर गलत सूचनाएं देने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस बारे में सीए राज खोसला ने बताया, ‘अगर असेसिंग ऑफिसर को लगता है कि जान-बूझकर गलत आमदनी बताई गई है तो वह पेनाल्टी लगा सकता है और टैक्सपेयर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर सकता है।’


अगर टैक्सपेयर ने गलत डिडक्शन या एग्जेम्पशन क्लेम किया है और उसके दस्तावेजी सबूत नहीं दिए हैं तो यह टैक्स चोरी मानी जाएगी।’ उन्होंने बताया कि इनकम छिपाने पर टैक्स चोरी की रकम पर 200 पर्सेंट पेनाल्टी लगाई जा सकती है।

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