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SBI की ये खास स्कीम, होम लोन का पैसा वापस किया जाएगा

11 January 2020 | 12.15 PM

नई दिल्ली: कई बार देखने को मिलता है कि होम लोन लेकर ग्राहक घर बुक करते हैं लेकिन आवंटन प्रमाणपत्र मिलने से पहले ही प्रोजेक्ट बीच में अटक जाता है। इस कारण से लोगों को घर तो मिल नहीं पाता, जबकि दूसरी तरफ बैंक से लिया होम लोन भी चुकाना होता है। ऐसे ग्राहकों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, ऐसे ग्राहकों को अब ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने खास स्कीम शुरू की है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक खास स्कीम शुरू की है जिसके जरिए खरीदार को निर्धारित समय पर घर का पजेशन नहीं मिलता तो बैंक ग्राहक को पूरा प्रिंसिपल अमाउंट लौटा देगा। SBI के रेशिडेंशल बिल्डर फाइनेंस विद बायर गारंटी स्कीम के तहत ये रिफंड तब मान्य होगा जब तक खरीदार को आवंटन प्रमाणपत्र नहीं मिल जाता। इस स्कीम के तहत 2.5 करोड़ रु कीमत के मकान के लिए होम लोन मिल सकता है। बैंकों की शर्तों का पालन करने वाले बिल्डर को भी 50 करोड़ रु से लेकर 400 करोड़ रु तक का लोन मिल सकता है।

एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने इस बारे में बताया, 'जो स्कीम हमने शुरू की है, उसका रियल एस्टेट सेक्टर के साथ-साथ उन घर खरीदारों पर भी बड़ा असर पड़ेगा, जो पजेशन ना मिलने के कारण फंस जाते हैं और उनको परेशानियां उठानी पड़ती हैं। रेरा, जीएसटी के नियमों में काफी बदलाव और नोटबंदी के बाद इस बात का एहसास हुआ कि होमबायर्स को समय पर मकान देने और उनका पैसा फंसने से बचाने का ये बेहतर तरीका है।'

उन्होंने कहा कि अगर किसी खरीदार ने 2 करोड़ रु का फ्लैट बुक कराया है और उसने एक करोड़ रु का भुगतान कर दिया है, ऐसे में प्रोजेक्ट बीच में अटक जाने पर बैंक खरीदार का एक करोड़ रु रिफंड कर देगा, गारंटी की अवधि ओसी से जुड़ी रहेगी। रजनीश कुमार ने आगे बताया कि ये गारंटी रेरा रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स के लिए मिलेगी। रेरा की समय-सीमा पार होने के बाद प्रोजेक्ट को अटका माना जाएगा। इस स्थिति में रिफंड के नियमों के मुताबिक, ग्राहकों को प्रिंसिपल अमाउंट दिया जाएगा।

इसके पहले, होम लोन को लेकर एसबीआई की तरफ से कहा गया था कि नए होम बॉयर्स को पहले के 8.15 फीसदी की तुलना में 7.90 फीसदी प्रति वर्ष ब्याज दर पर लोन मिलेगा। एसबीआई ने एमएसएमई, हाउसिंग और रिटेल लोन के सभी फ्लोटिंग रेट लोग को भी ईबीआर से जोड़ने का निर्णय लिया था। बताया गया था कि बैंक के इस कदम का ग्राहकों को लाभ मिलेगा क्योंकि इस कारण ईएमआई में कमी आएगी।

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