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चुनावी पोस्ट होगी बंद मतदान से 48 घंटे पहले गूगल, फेसबुक और ट्विटर पर

1 October 2018 | 11.45 AM

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेसबुक और ट्विटर चुनाव के दौरान फर्जी खबरों को रोकने में निर्वाचन आयोग की मदद करेंगी। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने दी। उन्होंने कहा कि फेसबुक और ट्विटर ने आश्वासन दिया है कि प्रचार के दौरान चुनावों की शुचिता को प्रभावित करने वाली किसी भी चीज का वह अपने प्लेटफॉर्म पर प्रयोग नहीं होने देंगे।


कर्नाटक चुनाव के दौरान इसका परीक्षण किया गया था। उन्होंने कहा कि तब छोटी पायलट परियोजना के तौर पर इसका प्रयोग किया गया था, अब लोकसभा चुनावों से पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में वृहद स्तर पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इन चारों राज्यों में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं।


गूगल आयोग को देगा चुनाव के दौरान खर्च की जानकारी
वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा के नेतृत्व में एक समिति ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर के क्षेत्रीय और स्थानीय प्रमुखों को बुलाया था। समिति ने उनसे पूछा था कि फर्जी खबरों के प्रतिकूल प्रभावों को रोकने और मतदाताओं को लक्षित कर डाले गये संदेशों से बचने के साथ भारतीय चुनावों की शुचिता के लिए वे क्या कर सकते हैं।


उन्होंने कहा, ‘उन सभी ने प्रतिबद्धता जताई है कि प्रचार अवधि के दौरान और मतदान समाप्त होने से पहले के 48 घंटे के दौरान वे ऐसी कोई चीज नहीं होने देंगे जो इन प्लेटफॉर्मों पर समान अवसर दिए जाने की प्रक्रिया पर विपरीत असर डालती हो। उन्होंने वादा किया है कि चुनावों से जुड़ा कुछ भी उनके प्लेटफॉर्मों पर डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’


मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि उक्त कंपनियों ने आयोग को यह भरोसा भी दिलाया है कि राजनीतिक विज्ञापनों के साथ उन पर खर्च राशि का ब्योरा भी होगा ताकि प्रचार अवधि के दौरान के व्यय का हिसाब लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि गूगल एक ऐसी व्यवस्था तैयार करेगी जिससे यह अपने प्लेटफॉर्मों पर खर्च के बारे में डाली गई जानकारी चुनाव आयोग के साथ साझा कर सके।


मीडिया प्लेटफॉर्मों के विस्तार और विविधता को देखते हुए जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 में संभावित बदलावों पर विचार करने के लिए सिन्हा के नेतृत्व में समिति का गठन किया गया था।


तेलंगाना में बड़े लेनदेन की निगरानी कर रहा चुनाव आयोग
केंद्रीय चुनाव आयोग ने तेलंगाना राज्य में बड़े वित्तीय लेनदेन की निगरानी शुरू कर दी है। इसके लिए आयकर विभाग की मदद ली जा रही है। राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त रजत कुमार ने रविवार को कहा कि आगामी चुनावों के चलते ही ये कवायद चुनावों से पहले राज्य में अवैध पैसे के आवागमन को रोकने के लिए की जा रही है और यहां चुनाव आचार संहिता लागू रहने तक जारी रहेगी।


तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस ने जल्दी चुनाव कराने के लिए राज्य विधानसभा को करीब 8 महीने का कार्यकाल रहने के बावजूद भंग कर दिया था। ऐसे में जल्द ही वहां भी चुनाव होने हैं।

 

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