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जानें- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से जुड़ा इतिहास

8 March 2018 | 11.50 AM

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है. पूरी दुनिया में 8 मार्च को ये मनाती है. विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. साथ ही यह दिन महिलाओं की ओर से किए गए ऐतिहासिक कार्यों की भी याद दिलाता है. आइए जानते हैं महिला दिवस से जुड़ी कुछ खास बातें और इससे जुड़ा इतिहास...


क्या है इतिहास?


1908- साल 1908 में महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर आवाज उठा रही थीं. इसी साल करीब 15 हजार महिलाओं ने वोटिंग अधिकार के लिए न्यूयॉर्क सिटी में एक साथ मार्च किया था.


1909- सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने महिला दिवस बनाने का फैसला किया और पहली बार इस साल महिला दिवस मनाया गया. उस दौरान साल 1913 तक फरवरी के आखिरी रविवार को यह डे मनाया गया.


1909- 28 फरवरी को पहली बार अमेरिका में यह दिन सेलिब्रेट किया गया. सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया ताकि इस दिन महिलाएं काम के कम घंटे और बेहतर वेतनमान के लिए अपना विरोध और मांग दर्ज करवा सकें.


1913 से 1914- कई देशों में इसे 19 मार्च को भी सेलिब्रेट किया गया था. रूसी महिलाओं ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस फरवरी माह के आखिरी दिन पर मनाया और पहले विश्व युद्ध का विरोध दर्ज किया. यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां कीं.


1975- पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने 8 मार्च के दिन महिला दिवस सेलिब्रेट करना शुरू किया.


2011- अमेरिका के पूर्व प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने मार्च को महिलाओं का ऐतिहासिक मास कहकर पुकारा. उन्होंने यह महीना पूरी तरह से महिलाओं की मेहनत, उनके सम्मान और देश के इतिहास को महत्वपूर्ण आकार प्रकार देने के लिए उनके प्रति समर्पित किया.


क्या होता है रंग

इस दिन पर्पल कलर का खास महत्व होता है, क्योंकि महिलाओं के लिए पर्पल का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं महिलाओं के लिए पर्पल, हरे और सफेद रंग का भी इस्तेमाल किया जाता है.


कुछ देशों में, जैसे कैमरून, क्रोएशिया, रोमानिया, मोंटेनेग्रो, बोस्निया और हर्जेगोविना, सर्बिया, बुल्गारिया और चिली में इस दिन कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता, हांलाकि फिर भी इसे व्यापक रूप से मनाया जाता है. हर देश में इसे अलग अलग तरीकों से मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषयवस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए अभी भी इसे बड़े जोर-शोर से मनाया जाता हैं. कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं.

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