21 November 2017 | 2.52 PM
नई दिल्ली : सरकार ने नोटबंदी के दौरान बड़ी संख्या में पैसे जमा करने वाली 18 फर्जी कंपनियों की जांच सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) को सौंपी है। इन कंपनियों के कागजातों में भी गड़बड़ी की बात कही जा रही है। इसके साथ-साथ कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने रीजनल डायरेक्टर्स को ऐसी कंपनियों के रेकॉर्ड्स की भी जांच करने को कहा है, जिनके कई-कई बैंक खाते हैं।
सरकार से जुड़े एक सूत्र ने बताया, '100 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम में डील करने वाली कंपनियों की जांच एसएफआईओ को सौंपी गई है। जांच के आधार पर ही सरकार इन कंपनियों पर आगे की कार्रवाई करेगी।' इसके साथ-साथ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियां भी कानून तोड़ने वाले कंपनियों की जांच कर रही है।
एसएफआईओ और रीजनल डायरेक्टर्स की रिपोर्ट के आधार पर सरकार तय करेगी कि इसमें कंपनी ऐक्ट के तहत आपराधिक कार्रवाई की जाए या नहीं, यह भी कहा जा रहा है कि ऐसी कंपनियों पर ऐसी कार्रवाई कर सकती है, जो पहले कभी नहीं हुई। मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ने कंपनियों से कहा था कि वे नोटबंदी के दौरान बैंकों में पुराने नोटों के रूप में जमा की गई रकम के बारे में जानकारी दें। इसके अलावा बैंकों से कंपनियों के रेकॉर्ड की जांज करने और नोटबंदी के दौरान बड़ी संख्या में जमा की गई निकाली गई रकम के बारे में जांची गई है। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर ऐसी कंपनियों के बैंक खाते भी सीज किए जा सकते हैं।
35,000 कंपनियों की जांच में पता चला है कि इन कंपनियों ने नोटबंदी के बाद बैंकों में 17 हजार करोड़ रुपये जमा कराए और बाद में उन्हें निकाल लिया। इस रिपोर्ट के बाद सरकार ने इन कंपनियों को लेकर भी जांच करने का आदेश दिया है।