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इस हार से टीम इंडिया के लगातार 10 वनडे जीतने का सपना टूटा :

29 September 2017 | 11.21 AM

बंगलुरु वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 21 रनों से हराकर टीम इंडिया के लगातार 10 वनडे जीतने का सपना तोड़ दिया. 335 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम मात्र 313 रन ही बना पाई. टीम इंडिया को शुरुआत तो अच्छी मिली लेकिन उस शुरुआत को जीत में नहीं बदल पाई. वनडे के सबसे बड़े फिनिशर माने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी काफी देरी से क्रीज़ पर पहुंचे जिसके कारण वो भी कुछ कमाल नहीं कर सके. कप्तान विराट कोहली के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर भी लोग सवाल भी उठा रहे हैं.


सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब भारतीय टीम को एक अच्छी शुरुआत मिली थी, तो कोशिश की जानी थी कि मैच को जीत कर ही दम लिया जाए. लेकिन कप्तान विराट कोहली से एक चूक हुई, पिछले कुछ मैचों से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हार्दिक पंड्या को नंबर चार पर भेजने का निर्णय सही साबित नहीं हुआ. पंड्या नए हैं, लेकिन अभी आप उनपर इतना भी प्रेशर नहीं डाल सकते हैं कि वह जाकर हर मैच जिताए.


पंड्या चार नंबर पर आए और 40 गेंदों में 41 रन बनाए. हार्दिक 37.1 ओवर में आउट हुए उस समय टीम का स्कोर 225 रन था. लेकिन उसके बाद भी धोनी मैदान पर नहीं आए, पंड्या के बाद मनीष पांडे आए. महेंद्र सिंह धोनी 46वें ओवर में क्रीज पर उतरे जब तक पानी सिर के ऊपर से निकल चुका था. उस समय 26 गेंदों में 49 रन चाहिए थे.


धोनी को सेट होने के लिए समय चाहिए

पिछले काफी समय से अगर धोनी की बल्लेबाजी पर गौर करें तो वह हमेशा आते ही हिट नहीं करते हैं. वह कुछ समय लेते हैं सेट होते हैं उसके बाद हिट करते हैं. इसके अलावा धोनी अभी शानदार फॉर्म में चल रहे हैं उसके बावजूद उन्हें नंबर 7 पर भेजना गलत साबित हुआ.


हार्दिक पंड्या ने पिछले काफी समय से अच्छा प्रदर्शन किया है जिसका ईनाम भी उन्हें कई बार बल्लेबाजी में प्रमोट करके दिया गया है. लेकिन अभी हार्दिक पंड्या को अपनी अच्छी शुरुआत को लंबी पारी में बदलने की तकनीक पर काम करना होगा. उन्हें इस बात की कोशिश करनी होगी कि अगर वह क्रीज़ पर टिके हैं तो मैच को फिनिश करके आएं, जिस तरह अभी तक कप्तान विराट कोहली और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी करते हुए आए हैं.


नहीं हो सका क्लीन स्वीप


इस हार के साथ ही विराट ब्रिगेड का ऑस्ट्रेलिया पर क्लीन स्वीप का सपना टूट गया है. वहीं ऑस्ट्रेलिया से मिली हार से विराट कोहली का लगातार 9 मैचों से चल रहा विजय रथ भी रुक गया और वह पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रिकॉर्ड को तोड़ने से चूक गए. विदेशी धरती पर खेले गए 14 वनडे मैचों में यह ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहली जीत मिली है.

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