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विदेश में भी है भारतीय स्कूल जाने ऐसे ही कई स्कूल्स के बारे में

हमारे देश में ऐसे कई बोर्डिंग स्कूल हैं, जिन्हें देखकर ऐसा लगेगा मानो वे टूरिस्ट प्लेस या विदेशी रिजॉर्ट हों। इन स्कूलों में तमाम तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। यहां से अमिताभ बच्चन, राजीव गांधी से लेकर शशि थरूर जैसी हस्तियां पढ़कर निकली हैं। हम बता रहे हैं ऐसे ही भारत के 10 बड़े बोर्डिंग स्कूलों के बारे में।
डलहौजी पब्लिक स्कूल, डलहौज,हिमाचल प्रदेश
स्थापना : 1970
एरिया :27 एकड़
स्टूडेंट्स :1250

खास क्या :
- हिमालय पर्वत की धौलाधार रेंज में 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
- अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत यूरोप के कई देशों के स्टूडेंट्स और एनआरआई के बच्चे यहां पढ़ते हैं।
- प्रत्येक स्टूडेंट को स्पोर्ट के लिए एक घंटा डेली देना जरूरी होता है।
- मूल रूप से यह ब्रिटिश आर्मी के लिए बनाया गया एक रिट्रीट था।
- स्कूल में भारत के कई राज्यों के अलावा वर्ल्ड के कई देशों के स्टूडेंट्स यहां पढ़ते हैं।
- स्कूल में हिमाचल प्रदेश का सबसे ऊंचा (108 फीट) तिरंगा फहराया गया था।
- स्कूल कैम्पस में मिग 21 एयरक्राफ्ट इंस्टाल किया गया है।
- स्कूल कैम्पस में टी-21 रूसी टैंक भी रखा गया है, जिससे स्टूडेंट्स को प्रेरणा मिले।
दून स्कूल, देहरादून, उत्तराखंड

स्थापना :10 सितंबर, 1935
एरिया :72 एकड़
स्टूडेंट्स :550

खास क्या :
- ब्रिटिश स्टैंडर्ड पर यह स्कूल स्थापित किया गया था।
- आईसीएसई और आईबी से एफिलिएटेड है।
- स्टूडेंट्स टीचिंग स्टाफ, स्कूल काउंसिलर और वेलनेस सेंटर से कभी भी सलाह ले सकते हैं
- यूनिवर्सिटी और कॉलेज एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स की तैयारी भी करवाई जाती है।
- लीडरशिप डवलप करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है।
- 30 एकड़ सिर्फ स्पोर्ट्स एक्टिविटीज के लिए

इन्होंने की यहां से पढ़ाई :
- राजीव गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री
- विक्रम सेठ, साहित्यकार
- करन थापर, पत्रकार
- कमलनाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री
- ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री
बिशप कॉटन स्कूल, शिमला
स्थापना : 28 जुलाई 1859
एरिया :56 एकड़
स्टूडेंट्स : 500 से अधिक

खास क्या
- बोर्ड एग्जामिनेशन में स्कूल का सक्सेस रेट 100 फीसदी है।
- स्टूडेंट अपने टीचर से कभी भी हेल्प ले सकते हैं।
- स्कूल बच्चों की स्पेशल नीड में मदद करता है।
- स्कूल में शिमला के मानसिक रूप से हैंडीकैप्ड बच्चों के लिए एजुकेशन सेंटर है।
शेरवुड कॉलेज, नैनीताल, उत्तराखंड
स्थापना : 1869
स्टूडेंट्स : 700
खास क्या :
- इस स्कूल में लिबरल एजुकेशन दी जाती है।
- प्रत्येक क्लास में हर सप्ताह में जीके/ करंट इवेंट का एक लेशन होगा।
-स्टूडेंट्स को आईटी और मॉडर्न टेक्नीक की ट्रेनिंग दी गाती है।
-सीनियर स्टूडेंट्स को सेल्फ डिपेंड लिविंग सिखाई जाती है।
-सीनियर स्टूडेंट्स के लिए जरूरत के अनुसार ICSE/ISC का सिलेबस लागू है।

इन्होंने की यहां से पढ़ाई :
- अमिताभ बच्चन, एक्टर
- एस.एच.एफ.जे. मानेकशॉ
- जनरल विश्वनाथ शर्मा, पूर्व चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ
ड्रक व्हाइट लोटस स्कूल, लेह
स्थापना : 1998
स्टूडेंट्स : 700

खास क्या :
- यह स्कूल तिब्बतन बुद्धिज्म पर आधारित है।
- लद्दाख के स्टूडेंट्स को उनकी समृद्ध संस्कृति की परंपराओं को बनाए रखने में मदद करता है।
- यह स्कूल लद्दाख के स्टूडेंट्स को 21वीं सदी में जीने के लिए तैयार करता है।
- स्कूल का ऑर्किटेक्चर, डिजाइन यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रीनविच में तैयार किया गया था।
- स्कूल में लद्दाखी भाषा और अंग्रेजी में बोर्ड एजुकेशन दी जाती है।
- स्कूल को आर्किटेक्ट, इनर्जी, वाटर कंजर्वेशन आदि के लिए कई अवॉर्ड मिल चुके हैं।

 

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